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Monday, 7 August 2017

राजस्थान की जलवायु

राजस्थान की जलवायु और मौसम

  • जलवायु - किसी भू-भाग पर लम्बी अवधि के दौरान विभिन्न समयों में विविध मौसमों की औसत अवस्था।
  • मौसम - मुख्यत: कम अवधि जैसे एक दिन, एक सप्ताह, एक माह के दौरान निर्धारित दशाओं का औसत।
  • राजस्थान की जलवायु को इस प्रदेश की भौगोलिक स्थिति ने अधिक प्रभावित किया है, यहां के अधिकांश भागों में मरुस्थलीय जबकि शेष भागों में अर्द्ध नम जलवायु पाई जाती हैं।
  • कोपेन के अनुसार राजस्थान की जलवायु का वर्गीकरण- 1918में कोपेन ने राज्य की जलवायु को चार भागों में बांटा-
  • (Aw) उष्ण कटिबंधीय आर्द्र जलवायु प्रदेश- डूंगरपुर के दक्षिण में तथा बांसवाड़ा जिला।
  • (BShw)अर्द्ध शुष्क जलवायु प्रदेश- बाड़मेर, नागौर, चुरू, जालौर, जोधपुर तथा दक्षिण -पूर्वी गंगानगर आदि क्षेत्र।
  • (BWhw) शुष्क उष्ण मरुस्थलीय जलवायु प्रदेश- उत्तरी-पश्चिमी जोधपुर, जैसलमेर, पश्चिमी बीकानेर तथा गंगानगर।
  • (Cwg) शुष्क शीत जलवायु प्रदेश- अरावली पर्वत के दक्षिणी - पूर्वी तथा पूर्वी भाग (हाड़ौती,मेवात एवं डांग क्षेत्र)।
  • राजस्थान में प्रमुख रूप से तीन मौसम है-
  1.  गर्मी का मौसम- मध्य मार्च से जून तक के इस मौसम में मई और जून सबसे गर्म महीने होते हैं, इस अवधि में उच्चतम तापमान 44° सेल्सियस से 48° सेल्सियस तक रहता है।
  • इस दौरान रेगिस्तानी क्षेत्र में उच्चतम तापमान जबकि सिरोही जिले के पर्वतीय क्षेत्रों में ऊंचाई अधिक होने के कारण औसत तापमान कम रहता है।
  • गर्मी के मौसम में निम्न वायुदाब वाले क्षेत्रों में वायु की कमी को पूरा करने के लिए चारों ओर से जो तेज़ गर्म हवाएं चलती है, उन्हें लू कहा जाता है।
  • सबसे अधिक धूलभरी आंधियां गंगानगर (27 दिन), बीकानेर (18 दिन), जैसलमेर (16 दिन) बाड़मेर (13 दिन) में चलती हैं।
2. वर्षा का मौसम - जून के अन्तिम सप्ताह से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक राजस्थान में दक्षिण-पश्चिम से सर्वाधिक वर्षा होती हैं।
  • दक्षिण-पश्चिम मानसून की दो शाखाएं हैं - I. बंगाल की खाड़ी की शाखा तथा ii. अरब सागर की शाखा।
  • राजस्थान में वर्षा का वार्षिक औसत लगभग 54.78 सेमी हैं।
  • राजस्थान में कुल वर्षा का लगभग 90% भाग दक्षिणी- पश्चिमी मानसून से प्राप्त होता है।
  • राज्य में वर्षा के दिनों की औसत संख्या वर्ष भर में 29 दिन है।
  • जैसलमेर- जिला स्तर पर राजस्थान में वर्षा की सर्वाधिक परिवर्तनशीलता वाला जिला।
  • झालावाड़-बांसवाडा़ - जिला स्तर पर राजस्थान में वर्षा की न्यूनतम परिवर्तनशीलता वाला जिला।
  • खण्ड वृष्टि - राज्य के किसी गांव या गांवों के समूह में या क्षेत्र विशेष में वर्षा एकाएक बहुत अधिक हो जाती है, जबकि पास में ही स्थित क्षेत्र या गांव पूर्णतः सूखा रह जाता है, इसे खण्ड वृष्टि कहते हैं।
  • बंगाल की खाड़ी की मानसूनी हवाओं को स्थानीय भाषा में पुरवा कहा जाता है।
  • राजस्थान के पश्चिम में जैसलमेर व बीकानेर जिलों के 100 से 250 मिलीमीटर के बीच तथा पूर्व में बांसवाड़ा व झालावाड़ जिलों में 900 मिलीमीटर से अधिक औसत वार्षिक वर्षा होती हैं।
  • राजस्थान में सर्वाधिक वर्षा सिरोही जिले के मांउट आबू क्षेत्र में जबकि जैसलमेर जिले में न्यूनतम वार्षिक वर्षा होती हैं।
3. सर्दी का मौसम - यह मौसम नवम्बर से मध्य मार्च तक रहता है, जनवरी के महीने में सर्वाधिक सर्दी पड़ती है।
  • इस दौरान चुरू, बीकानेर, श्रीगंगानगर, फलौदी(जोधपुर), जैसलमेर आदि जिलों में न्यूनतम तापमान (-3° सेल्सियस) तक रहता है।
  • सर्दियों में भूमध्य सागरीय चक्रवातों (पश्चिमी विक्षोभो ) के कारण उत्तरी व पश्चिमी राजस्थान में वर्षा होती है जिसे मावट कहते हैं।
जलवायु आधारित प्रदेश
  • तापक्रम, वर्षा और आर्द्रता के आधार पर राजस्थान को चार प्रमुख प्रदेशों में बांटा गया है-
  • शुष्क प्रदेश- इस प्रदेश में सम्पूर्ण जैसलमेर, उत्तरी बाड़मेर और जोधपुर का उत्तरी भाग, बीकानेर का पश्चिमी भाग और श्रीगंगानगर का दक्षिणी भाग शामिल हैं।
  • यह राज्य के लगभग एक चौथाई भाग पर विस्तृत है।
  • इस प्रदेश में गर्मीयों में भंयकर गर्मी, लू, धूलभरी आंधियां एवं वर्षा की अनिश्चितता की दशाएं पाई जाती है।
  • यहां गर्मीयों में औसत तापमान 34°-40° सेल्सियस और सर्दियों में 12°-16° सेल्सियस रहता है।
  • यहां 10 - 25 सेमी. औसत वार्षिक वर्षा होती है।
  • यह प्रदेश प्राकृतिक वनस्पति रहित है तथा कंटीली झाड़ियां व वृक्ष मिलते हैं।
2. अर्द्ध शुष्क - इस प्रदेश में श्रीगंगानगर, बीकानेर, जोधपुर, चुरू, झुंझुनूं, सीकर, नागौर, पाली व जालौर जिले शामिल हैं।
  • यहां का वार्षिक औसत लगभग 20 - 40 सेमी. रहता है।
  • इस प्रदेश में कांटेदार झाड़ियां, घास के मैदान और अन्य रेगिस्तानी पेड़-पौधे पाये जाते हैं।
  • यहां गर्मीयों में औसत तापमान 30°-36° सेल्सियस तथा सर्दियों में 10° - 12° सेल्सियस होता है।
3. उप आर्द्र प्रदेश- इस प्रदेश में अलवर, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा,टोंक, सवाई माधोपुर, कोटा, बूंदी, चितौड़गढ़ आदि जिले शामिल हैं।
  • इस प्रदेश में वार्षिक वर्षा औसत 40 - 60 सेमी. होने के कारण वनस्पति भी सघन पाई जाती है तथा नीम, पीपल, आंवला, खेजड़ी, बबूल आदि के वृक्ष मिलते हैं।
  • यहां ग्रीष्म ऋतु में औसत तापमान 28° - 34° सेल्सियस तथा सर्दियों में 12° - 18° सेल्सियस रहता है।
 4. आर्द्र प्रदेश - इस प्रदेश में दक्षिणी राजस्थान के झालावाड़, बांसवाड़ा, डुंगरपुर एवं दक्षिणी उदयपुर जिले शामिल हैं।
  • यहां मानसूनी सवाना प्रकार तथा देशी सागवान व चौड़ी पत्ती की वनस्पति मिलती हैं।
  • यहां तापमान गर्मीयों में 30° - 34° सेल्सियस तथा सर्दियों में 12°-18° सेल्सियस रहता है।
सर्वाधिक वर्षा वाला स्थान- मांउट आबू (150 सेमी.)
सर्वाधिक वर्षा वाला जिला- झालावाड़ (100 सेमी.)
न्यूनतम वर्षा वाला जिला- जैसलमेर (10 सेमी.)
सर्वाधिक शुष्क स्थान- फलौदी (जोधपुर)
सबसे अधिक आर्द्रता वाला स्थान- मांउट आबू
सबसे अधिक आर्द्रता वाला जिला- झालावाड़
सबसे अधिक गर्म महीना- जून
सबसे ठंडा महीना- जनवरी
सबसे अधिक वाष्पोत्सर्जन की वार्षिक दर - जैसलमेर
सबसे कम वाष्पोत्सर्जन की वार्षिक दर - बांसवाड़ा
सबसे कम आर्द्रता - मार्च, अप्रैल
सबसे अधिक आर्द्रता- जुलाई, अगस्त

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